बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में शनिवार को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया. समारोह से पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, कृषि सचिव एवं कुलपति ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. मौके पर बिरसा मुंडा के परपोते सुखराम मुंडा एवं उलीहातू गांव के 5 किसानों को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सम्मानित किया.
समारोह में कृषि मंत्री (Agriculture Minister Badal Patralekh) ने विवि के मृत कर्मियों के 22 आश्रितों को अनुकंपा पर आधारित नियुक्ति-पत्र प्रदान किया. उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया पर कार्रवाई चल रही है. इसके परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे. उन्होंने बताया कि देश एवं राज्य की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. लेकिन केंद्र में कृषि का बजट मात्र 7 प्रतिशत और राज्य में 5 प्रतिशत मात्र है. इसमें सुधार के लिए अधिकार एवं कर्तव्य बोध पर ध्यान देने होगा.
पांच हजार किसानों को करें जागरूकः बादल पत्रलेख
कृषि मंत्री ने बीएयू की स्थापना में स्व. कार्तिक उरांव के योगदान के बारे में बताया और उनके नाम से संस्थान की स्थापना की बात रखी. कहा कि राज्य के विकास की दिशा कृषि से ही बदलेगी. कृषि विभाग एवं विश्वविद्यालय हरेक स्तर पर अधिकाधिक बिरसा किसानों को कृषि में तकनीक के इस्तेमाल के लिए जागरूक करें. उन्होंने हर कृषि विज्ञान केंद्र को 5 हजार किसानों को जागरूक एवं आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करने की सलाह दी.
बीएयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बनाने के लिए भेजें प्रस्तावः सांसद संजय सेठ
कृषि मंत्री (Agriculture Minister Badal Patralekh) ने कहा कि विवि के विकास में सरकार सहयोग करेगी. छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं प्लेसमेंट के अवसर की दिशा में प्रयास होंगे. झारखण्ड आदिवासी बहुल राज्य है. इनके हितों की रक्षा एवं कृषि विकास के लिए पक्ष एवं विपक्ष के संयुक्त प्रयास से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा की. इस मौके पर रांची सांसद संजय सेठ ने बीएयू को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर से भेजने की बात कही. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हरसंभव सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि झारखण्ड कृषि मामले विशेषकर सब्जी उत्पादन में काफी समृद्ध है. जिसे आगे बढ़ाने के लिए पंचायत स्तर पर कृषि शोकेस स्थापित करने की जरूरत है.
बड़े ऑडिटोरियम के निर्माण की सलाह
कांके विधायक समरीलाल ने प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय पर खास ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने विवि में गृह विज्ञान कॉलेज खोलने तथा केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की दर्जा दिलाने की मांग रखी. पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने विवि की प्रगति के अवलोकन को भावुक क्षण बताया. उन्होंने विवि में अधिक क्षमता के ऑडिटोरियम के निर्माण की सलाह दी.
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विवि की उपलब्धियां गिनाईं
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने कहा कि हमारे समाज में कृषि का कोई विकल्प नहीं है. राज्य में पिछले वर्ष सबसे अधिक उत्पादन हुआ. दलहन उत्पादन के मामले में राज्य अग्रणी है. विवि को पशुपालन, मत्स्य एवं वानिकी तकनीक के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा. स्वागत भाषण में कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने विगत एक वर्षों में विवि की उपलब्धियों को रखा. संचालन शशि सिंह ने किया.
पशु चिकित्सा संकाय में उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित
अभिनंदन समारोह के बाद पशु चिकित्सा संकाय में उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के अधीन निर्मित पशु उत्पादन, प्रबंधन एवं निर्देशात्मक पशुधन फार्म भवन, 350 छात्रों की क्षमता वाले परीक्षा भवन (examination hall at Birsa Agricultural University) तथा बड़ा एवं छोटा पशु प्रयोग गृह का उद्घाटन किया. मंत्री द्वारा पशु चिकित्सा संकाय में आधुनिक पशु जांच एवं अंत्यपरीक्षण प्रयोगशाला केंद्र का भी शिलान्यास किया गया.
पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने गो-पालन : एक नया आयाम नामक पुस्तक का विमोचन किया. मौके पर डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद ने पशु चिकित्सा संकाय की गतिविधियों की जानकारी दी और धन्यवाद ज्ञापन किया.