Kanke, Ranchi, Jharkhand

( A State Government University )

गुणवत्तायुक्त बीजोत्पादन बीएयू की पहली प्राथमिकता: डॉ ओंकार नाथ सिंह

राज्य में प्रमाणित बीज की आवश्यकता एवं किसानों द्वारा गुणवत्तायुक्त बीज की मांग को देखते हुए वैज्ञानिकों को प्रजनक बीज उत्पादन में तत्पर एवं विशेष ध्यान देना होगा। गुणवत्तायुक्त बीजोत्पादन कार्यक्रम बीएयू की पहली प्राथमिकता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर सबसे पहले बीएयू बीज परिषद् की बैठक आयोजित की जा रही है। बीएयू अधीनस्थ सभी केन्द्रों के फार्म में आगामी खरीफ मौसम में उचित समय पर बीजोत्पादन कार्यक्रम लागु करनी होगी। फार्म की शत-प्रतिशत भूमि का आपसी तालमेल से जेडआरएस एवं केवीके सदुपयोग करें। उक्त बातें बीसवीं बीज परिषद् के अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कही।

कुलपति ने बीएयू अधीनस्थ सभी केन्द्रों को 15 अगस्त तक सम्पुर्ण फार्म क्षेत्र को आच्छादित करने का निर्देश दिया। साथ ही बीज उत्पादन एवं आपूर्ति हेतु बीएयू एवं एनएससी के बीच एमएयू की आवश्यकता पर जोर दिया।

विशेषज्ञ डॉ एसआर धुआ, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर- नेशनल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट, कटक ने बीएयू द्वारा नये उन्नत फसल प्रजाति का विकास एवं नये प्रभेदों का सफल बीजोत्पादन कार्यक्रम की प्रशंसा की।

विशेषज्ञ डॉ दिनेश कुमार, कार्यपालक सचिव, इंडियन एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी एसोसिएशन एवं पुर्व उपमहानिदेशक (आईसीएआर) ने धान एवं दलहन क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत से अधिक उत्पादकता के बावजूद विभिन्न फसलों के उत्पादन में कमी को चिंता का विषय बताया।

निदेशक अनुसंधान डॉ पीके सिंह ने सभी जेडआरएस एवं केवीके वैज्ञानिकों को हाल में रिलीज़ किये गये विभिन्न फसलों के नये उन्नत किस्मों को प्रत्यक्षण के माध्यम से प्रदर्शित एवं स्थानीय किसानों के बीच लोकप्रिय बनाने पर बल दिया।

निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने कहा कि बीजोत्पादन में बीज का सही समय पर उठाव एवं बीज मूल्य का भुगतान का नहीं होना एक बड़ी समस्या है।

प्रदेश में सीड विलेज सुषुप्त : असीम रंजन : मौके पर असीम रंजन एक्का, प्रभारी बीज प्रमाणीकरण एवं बीज जांच, कृषि विभाग ने कहा कि झारखंड राज्य को प्रतिवर्ष 5-6 लाख क्विंटल अनुमानित सत्यापित बीज की आवश्यकता है। प्रदेश में सीड विलेज सुषुप्त है, जिसे प्रभावी करने की जरुरत है। कार्यक्रम में संतोष कुमार, उपनिदेशक (कृषि), डॉ आरएस चंदेल, क्षेत्र प्रबंधक, एनएससी, परिषद् के सदस्य सचिव डॉ एस कर्माकार, निदेशक, प्लांट ब्रीडर डॉ रवि कुमार ने भी अपने विचार रखे। 19 वीं बीज परिषद् का कारवाई प्रतिवेदन डॉ सुप्रिया सिंह ने प्रस्तुत की।